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सामाजिक सुरक्षा अधिकारी प्रीतम डांगी व बाबू राजीव कुलहार ट्रेप
चिड़ावा पंचायत समिति में एसीबी की कार्रवाई
चिड़ावा। कस्बे में जयपुर एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई ने कार्रवाई करते हुए ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बाबू को 40 हजार रूपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पाली प्रथम एएसपी बजरंगसिंह तथा डीएसपी कमल नयन के नेतृत्व में की गई। एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि 18 जनवरी को एसीबी मुख्यालय में परिवादी चिड़ावा निवासी सोनू मेघवाल तथा किशनगढ़ निवासी रितेश जांगिड़ ने शिकायत दी थी कि दोनों ने अंतरजातीय विवाह किया था। जिसके लिए उन्हें डॉ. सविता बेन अंबेडकर अंतर जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत पांच लाख रूपए की राशि मिलनी थी। इस राशि को स्वीकृत करने के लिए सामाजिक न्याय अधिकारी प्रीतम डांगी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग झुंझुनूं में कार्यरत बाबू राजीव कुलहार 50 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहे है। शिकायत का सत्यापन करवाया गया तो सौदा 40 हजार रूपए में तय हुआ। सोमवार को 40 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए सामाजिक सुरक्षा अधिकारी प्रीतम डांगी को उनके कार्यालय से तथा बाबू राजीव कुलहार को उसके झुंझुनूं स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के बाद एसीबी झुंझुनूं की टीम ने झुंझुनूं शहर के किसान कॉलोनी निवासी राजीव कुलहार के घर पर भी सर्च किया। वहीं ओजटू स्थित प्रीतम डांगी के मकान में भी सर्च की कार्रवाई चल रही है। कार्रवाई में सचिन शर्मा, पन्नालाल, मनीष, रमजान, दिलावर, निधि, संतोष, सुभाष, कमलेश आदि शामिल रहे।
एसीबी को मिले व्हाट्स एप चैट
एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि इस मामले में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी प्रीतम डांगी और बाबू राजीव कुलहार के बीच व्हाट्स एप चैट भी एसीबी को मिली है। जिसमें ना केवल इस मामले में की। बल्कि पूर्व के एक—दो मामलों में रिश्वत को लेकर बातचीत सामने आई है।
घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या….
एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि जब प्रीतम डांगी के चैट को खंगाला गया। तो एक ऐसे ही अंतर जातीय विवाह के मामले में जब प्रीतम डांगी ने राजीव कुलहार को मैसेज किया कि यह मामला उनके गांव का है। तो राजीव कुलहार ने रिश्वत में किसी भी तरह की रियायत देने की बजाय चैट में ही जवाब दिया कि घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या।
रिश्वत में भी चल रही थी चोरी
एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि इस मामले में रिश्वत में से भी चोरी की बात सामने आई है। दरअसल जब सोमवार को परिवादियों ने प्रीतम डांगी को 40 हजार रूपए की राशि दे दी तो प्रीतम डांगी ने राजीव कुलहार को मैसेज किया कि ये लोग 37 हजार रूपए दे रहे है। जबकि परिवादी 40 हजार रूपए की पूरी रकम दे चुके थे। लेकिन प्रीतम डांगी इसमें से तीन हजार बीच में ही रखना चाह रहा थ। लेकिन राजीव कुलहार माना नहीं और उसने कहा कि पूरा पैसा लगेगा। प्रीतम ने राजीव को फिर यह भी कहा कि इनके पास वापिस जाने के लिए किराया भी नहीं है तो राजीव ने जवाब दिया कि तुम अपने पास दे दो। जबकि सत्यापन के दौरान भी प्रीतम डांगी ने राजीव कुलहार की बातचीत परिवादी सोनू मेघवाल से करवाई तो उस वक्त भी राजीव कुलहार ने राजस्थानी में साफ साफ कह दिया था कि 40 हजार में से एक पिसो भी कम कोनी होवै।
कार्यालय का सर्वेसर्वा राजीव ही!
एएसपी बजरंगसिंह ने बताया कि चर्चा में सामने आया है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सर्वेसर्वा राजीव कुलहार ही है। हर तरह के मामले में इसका हिस्सा फिक्स होता है। सोमवार को भी राजीव कुलहार छुट्टी पर था। पहले एसीबी ने कार्यालय जाकर राजीव के बारे में पूछा। तो पता चला वह घर पर है। इसके बाद एसीबी झुंझुनूं के एएसपी इस्माइल खान के नेतृत्व में टीम को उसके घर पर लगाया और वहां से हिरासत में लेकर टीम राजीव को लेकर चिड़ावा पहुंची। जहां पर उसकी गिरफ्तारी हुई।