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अनशन के 12वें दिन विकास जाखड़ की और ज्यादा तबियत बिगड़ी, जयपुर रैफर
जाखड़ बोले, जबरदस्ती ले जा रहे है, समर्थकों का आरोप, सरकार करना चाहती है नजर बंद
झुंझुनूं, 28 जनवरी। बीडीके अस्पताल में भर्ती विकास जाखड़ को अनशन के 12वें दिन अब झुंझुनूं से जयपुर एसएमएस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया है। शुक्रवार शाम को सैंकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में वंदे मातरम नारों के साथ विकास जाखड़ को झुंझुनूं बीडीके अस्पताल से जयपुर एसएमएस अस्पताल के लिए रैफर किया गया है। विकास जाखड़ ने जयपुर जाने से पहले बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें जबरदस्ती जयपुर भेजा जा रहा है। वे झुंझुनूं में रहकर आंदोलन करना चाहते है। लेकिन उन्हें अब जबरदस्ती जयपुर भेजा जा रहा है। इधर, विकास जाखड़ के समर्थक रविंद्र लांबा ने कहा कि प्रशासन सरकार के दबाव में गलत कर रहा है। सुबह जब विकास जाखड़ की कई जांच की गई थी। तो उसमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं थी कि जयपुर भेजना पड़े। लेकिन सरकार विकास जाखड़ को जयपुर ले जाकर नजरबंद करना चाहती है। ताकि आंदोलन जो बढ़ रहा है। उसे रोका जा सके और उसे खत्म किया जा सके। लेकिन युवाओं ने संकल्प लिया है कि जब तक सरकार रीट समेत अन्य परीक्षाओं की सीबीआई जांच नहीं करवाती। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इधर, इस मामले में बीडीके अस्पतािल के पीएमओ डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि विकास जाखड़ के यूरिन में किटोन लगातार पॉजिटिव आ रहा था। वहीं विकास जाखड़ को चिकित्सकों ने कई बार डाइट प्लान बताया और उसे शुरू करने की गुजारिश की। लेकिन वे कुछ भी खाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में फिजिशियन डॉ. रजनेश माथुर, डॉ. हरलाल नेहरा तथा डॉ. कृष्णा के बोर्ड ने शुक्रवार को सुझाव दिया था कि विकास जाखड़ को जयपुर रैफर किया जाए। इसी पर शुक्रवार को उन्हें जयपुर रैफर किया गया है।
रीट परीक्षा उत्सव नहीं, बल्कि एक मातम था : विकास जाखड़
युवाओं के सपनों का सौदा कर चुकी थी सरकार, पावरफुल और बड़े लोग नहीं फंसे, इसलिए सरकार बच रही है सीबीआई जांच से
प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधलियों की सीबीआई जांच करवाने की मांग पर पिछले 12 दिनों से अनशन कर रहे है शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ ने प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। विकास जाखड़ ने कहा है कि जिस रीट परीक्षा को सरकार उत्सव बता रही थी। दरअसल वो एक मातम था। युवाओं के सपनों का सरकार ने सौदा कर दिया है। अब जो लोग पकड़े जा रहे है वो केवल मोहरे है। बल्कि इस खेल में बड़े और पावर फुल लोग जुड़े हुए है। जिन्हें सरकार बचा रही है। यही कारण है कि जब एसओजी ने कह दिया कि पेपर 48 घंटे पहले बाहर आ गया था। तो सरकार इसे लीक भी नहीं मान रही और ना ही सीबीआई को इसी जांच सौंप रही है। उन्होंने कहा कि जब एक मिनट में हम तकनीक के द्वारा हजारों लोगों तक किसी चीज को पहुंचा सकते है। ऐसे में एसओजी कह रही है कि वह तलाश करेगी कि किस—किस के पास पेपर गया है। जो एक हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से नहीं मान रही थी कि पेपर लीक हुआ है। लेकिन अब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए शिक्षा संकुल तक बात आ गई है। लेकिन शिक्षा संकुल से जुड़े बड़े पॉवरफुल लोगों तक शायद ही एसओजी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि केवल एक रीट परीक्षा की बात नहीं है। जेईएन, एसआई, लाइब्रेरियन कोई भी भर्ती देख लो। सभी ने सरकार ने खेल खेला है। युवाओं के सपनों का सौदा किया है। इसलिए उनका अनशन भी जारी है।
पंकज धनखड़ और जयंत मूंड ने की मुलाकात
इधर, अस्पताल में भर्ती विकास जाखड़ से मिलने वालों का भी सिलसिला जारी है। जिला परिषद सदस्य और विभिन्न आंदोलन की अगुवाई करने वाले पंकज धनखड़ ने अपने समर्थकों के साथ विकास जाखड़ से मुलाकात की और इस आंदोलन में पूरा साथ देने का भरोसा दिलाया। इसी प्रकार मरू प्रदेश निर्माण मोर्चा के जयंत मूंड भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे और आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि शहीद स्मारक में आज शाम सवा छह बजे कैंडल मार्च निकाला जाएगा।
बॉर्डर पर खड़े जवान भी आने लगे समर्थन में
चाइना—पाकिस्तान बॉर्डर से जवानों ने भेजा समर्थन
सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद की नौकरी छोड़ प्रदेश के युवाओं के लिए आंदोलन में कूदने वाले शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ के समर्थन में अब उनके फौजी साथी भी आने लगे है। चाइना—पाकिस्तान बॉर्डर से अलग—अलग वीडियो सामने आ रहे है। जिसमें फौजी साथी अपने विकास सर के समर्थन में युवाओं से आंदोलन में साथ देने का आह्वान कर रहे है। झुंझुनूं के किठाना गांव के रहने वाले इंडियन आर्मी में कार्यरत एक फौजी ने वीडियो में प्रदेश के युवाओं से विकास जाखड़ के सहयोग की अपील की है। साथ ही कहा कि आंदोलन को इतना मजबूत कर दो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कानों में विकास जाखड़ सर की जायज मांगे जोर—जोर से गूंजे। ताकि अन्याय बंद हो और सुधार हो। इसी तरह झुंझुनूं जिले के ही रहने वाले आईटीबीपी में कार्यरत चाइन बॉर्डर पर तैनात महिपालसिंह का भी एक वीडियो आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि विकास जाखड़ ने जो आंदोलन चला रखा है। वे उसका फुल सपोर्ट करते है। उन्होंने कहा कि हम माइनस 30 डिग्री में परेशानी और कष्ट के बावजूद ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे है। वो इसलिए नहीं कि हमारे बच्चे भ्रष्टाचार के जरिए या फिर रिश्वत के जरिए नौकरी लगे। बल्कि इसलिए कि उनके बच्चे पढ़—लिखकर मेहनत करके नौकरी लगे। उन्होंने विडंबना जाहिर की कि ड्यूटी के कारण हम विकास जाखड़ का शारीरिक रूप से वहां आकर साथ नहीं दे सकते। लेकिन वे मन से उनके साथ है। उन्होंने युवाओं से इस आंदोलन में सहयोग करने का आह्वान किया। साथ ही विकास जाखड़ से भी कहा है कि वे धैर्य और जुनून के साथ यह लड़ाई लड़े। इसी तरह एक वीडियो कश्मीर बॉर्डर से भी आया है। जहां पर वेदप्रकाश कोबरा नाम का सिपाही हाथों में अपने हथियार के साथ नारे लगा रहा है कि विकास जाखड़ संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है। इस तरह के बॉर्डर पर तैनात फौजी भी अब विकास जाखड़ के समर्थन में खुलकर आने लग गए है।
महावीर चक्र प्राप्त दिगेंद्र कुमार पहुंचे बीडीके
कारगिल युद्ध के हीरो रहे और महावीर चक्र प्राप्त करने वाले दिगेंद्र कुमार आज झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां पर अनशन कर रहे सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट व शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ से मुलाकात की और उनके आंदोलन को समर्थन दिया। इस मौके पर कारगिल हीरो दिगेंद्र कुमार ने राजस्थान सरकार को चेताया कि वह चेता कर ले और युवाओं की मांग मानते हुए पारदर्शी व संवेदनशील सरकार होने का अपना वादा पूरा करें। अन्यथा यह आग राजस्थान के अलावा हरियाणा व अन्य राज्यों में भी जलेगी। उन्होंने कहा कि शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ अपने लिए नहीं। बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए अपनी नौकरी छोड़कर जान की बाजी लगा रहे है। लेकिन सरकार सुन नहीं रही। यदि सभी फौजी मैदान में उतर गए तो सरकार के भारी पड़ जाएगी। इससे पहले दिगेंद्र कुमार ने पीरूसिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कहा कि झुंझुनूं की शौर्यता के चर्चे पूरे देश में होते है।
पॉकेट मनी विकास जाखड़ को देने पहुंची बहनें, पर जाखड़ ने कहा साथ और दुआएं चाहिए, पैसे नहीं
झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती अनशनकारी विकास जाखड़ से मिलने के लिए बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंची। ये छात्राएं अपने साथ कुछ पैसे भी लेकर आई थी। जो उन्होंने आंदोलन में सहयोग देने के लिए विकास जाखड़ को देने की कोशिश की। लेकिन विकास जाखड़ ने पैसे लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद इन छात्राओं ने बहनों के रूप में विकास जाखड़ को रक्षा सूत्र बांधा। छात्राओं ने बताया कि वे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। जैसे ही उन्हें विकास जाखड़ के आंदोलन के बारे में पता चला। उन सभी ने अपनी पॉकेट मनी से पैसा बचाकर एक राशि इकट्ठा की और विकास जाखड़ को देने के लिए पहुंची। लेकिन विकास जाखड़ ने यह राशि लेने से मना कर दिया। इसके बाद छात्राओं ने विकास जाखड़ को रक्षा सूत्र बांधा और उनको आंदोलन में विजय होने की कामना की। छात्राओं ने बताया कि जिस तरह का माहौल भर्ती परीक्षाओं का प्रदेश में बन गया है। अब तो उन्हें मेहनत पर भी विश्वास नहीं रहा। लेकिन उन्हें विश्वास है कि विकास जाखड़ सिस्टम को बदलने के लिए निकले है। जो जरूर कामयाब होंगे।
बीडीके अस्पताल में दिखी बेटी—पिता की भावुक तस्वीर
विकास जाखड़ से मिलने आई छह साल की बेटी प्रियांशी, बोली, पापा आप घर कब आओगे
पिछले 12 दिनों से प्रदेश के युवाओं की मांग को लेकर अनशन कर रहे शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ से मिलने के लिए उनकी छह साल की बेटी प्रियांशी पहुंची तो सभी भावुक हो गए। दरअसल पिछले हफ्ते भर से विकास जाखड़ बीडीके अस्पताल में भर्ती है। ऐसे में उनकी बेटी उनसे नहीं मिल पाई थी। वहीं रोजाना घर पर उनकी खराब तबियत के बारे में सुनने को भी मिल रहा था। तो प्रियांशी से रहा नहीं गया। वह जिद करके अपनी मम्मी के साथ बीडीके अस्पताल पहुंची। अचानक अपनी बेटी को देखकर विकास जाखड़ भी भावुक हो गए। बेटी प्रियांशी बैड पर लेटे अपने पिता को इन हालातों में देखकर रो पड़ी और सिसकते हुए उनके लिपट गई। प्रियांशी करीब 10—15 मिनट अस्पताल में अपने पिता के पास रही। लेकिन भावुकता इतनी ज्यादा थी कि दोनों कुछ नहीं बोल पाए। बेटी सिर्फ इतना बोल पाई कि पापा आप घर कब आओगे। तो पिता ने जवाब दिया कि जल्द ही आउंगा। इसके बाद बेटी अपना ध्यान रखना बोलते हुए बाय—बाय कर लौट गई। लेकिन इस पल को जिसने भी देखा। वो भावुक हो गया। आपको बता दें कि विकास जाखड़ पिछले 12 दिनों से अनशन पर है। जब उनके अनशन का पांचवां दिन था। तभी उनकी तबियत खराब होने के कारण पुलिस और प्रशासन ने उन्हें बीडीके अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। चार—पांच दिन, जब तक वे गांव थे। तो बेटी प्रियांशी और बेटा खुशवंत रोज उनके पास आते—जाते रहते थे। लेकिन अब परिवार से दूर विकास जाखड़ अस्पताल में भर्ती है। तो सभी परिवार वाले चिंतित है। छह साल की मासूम बेटी तो इतनी चिंता में हो गई कि वह घर पर रो पड़ी और जिद करके अस्पताल पहुंच गई।
झुंझुनूं की सड़कों पर उठी युवा हुंकार
रीट समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में धांधलियों के खिलाफ अनशन कर रहे शौर्य चक्र प्राप्त विकास जाखड़ के आह्वान पर शुक्रवार शाम को झुंझुनूं में युवाओं ने हुंकार भरी। शाम को कैंडल मार्च में सैंकड़ों की संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया और विकास जाखड़ के आंदोलन को अपना समर्थन दिया। शहीद स्मारक से 101 फुट तिरंगे के साथ कैंडल मार्च रवाना हुआ। जो जिला परिषद, नगर परिषद, रोडवेज बस डिपो, बीडीके अस्पताल, जेपी जानूं स्कूल तक गया। फिर वापिस इसी रास्ते से लौटकर शहीद स्मारक पर आकर समाप्त हुआ। समापन पर युवाओं को भाजपा नेता डॉ. राजेश बाबल, मरू प्रदेश निर्माण मोर्चा के जयंत मूंड, एसएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर तथा बजरंगलाल एडवोकेट आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि विकास जाखड़ ने जो आवाज उठाई है। वो पूरे प्रदेश के युवाओं के वर्तमान और भविष्य से जुड़ी हुई आवाज है। अब जब सरकार की एसओजी ने मान लिया है कि पेपर लीक हुआ है। तो सरकार रीट परीक्षा को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाहती। लेकिन सरकार यह सुन लें कि राजस्थान का युवा हर हाल में दूध का दूध पानी का पानी करवाकर ही दम लेगा।